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सुप्रीम कोर्ट की सातवीं महिला जज बनी इंदू, संभाला पद

सुप्रीम कोर्ट की सातवीं महिला जज बनी इंदू, संभाला पद

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केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर वरिष्ठ अधिवक्ता इंदू मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किए जाने की मंजूरी दे दी, जिसके बाद शुक्रवार को वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रुप में शपथ ली, इंदू मल्होत्रा को शपथ चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, आपको बता दें इंदू पहली महिला वकील है, जिन्हें शीर्ष अदालत का जज नियुक्त किया गया । इससे पहले अन्य महिला न्यायधीशों को उच्च न्यायलयों से पदोन्नति देकर उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किया जाता था । इन्दू मल्होत्रा के सुप्रीम कोर्ट के जज बन जाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 25 हो गई है ।

आजादी के बाद से सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति मल्होत्रा अदालत की सातवीं महिला न्यायाधीश बन गई है, आजादी के शुरुवाती दौर में 39 सालों तक सुप्रीम कोर्ट में कोई महिला जज नही थी, लेकिन 1989 में फातिमा बीबी को सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनाया गया, इसके बाद सुजाता मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना देसाई को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया, फिलहाल जस्टिस जी रोहिणी और आर बानुमति सुप्रीम कोर्ट में महिला जज के पद पर अभी भी मौजूद हैं ।

जस्टिस मल्होत्रा की जज के पद पर नियुक्ति को लेकर उन्हें काफी विवादों का सामना करना पड़ा, दरअसल इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से इंदू मल्होत्रा की नियुक्ति रोकने की मांग की थी, इसकी वजह ये थी कि सरकार ने उत्तराखंड के चीफ जस्टिस केएम जोसफ की नियुक्ति को रोककर रखा है, इसलिए इंदू मल्होत्रा की भी नियुक्ति को रोका जाना चाहिए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सीरे से खारिज करते हुए इंदू मल्होत्रा को जज नियुक्त करने की घोषणा कर दी ।

 

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