नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में 2013 से जोधपुर जेल में बंद आध्यात्मिक गुरु आसाराम को जोधपुर की विशेष अदालत के जज मधुसूदन शर्मा ने दोषी करार दिया है। इस केस में आसाराम के अलावा दो अन्य शिल्पी और शरतचंद्र को भी दोषी करार दिया है | वहीं, दो अन्य प्रकाश और शिवा को बरी कर दिया गया है| आपको बता दें कि आसाराम को जोधपुर की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि शिल्पी और शरद को 20- 20 साल की सजा सुनाई गई हैं | आसाराम मामले का फैसला सुनाने के दौरान जोधपुर की सेंट्रल जेल व आसपास का इलाका पूरी तरह से पुलिस छावनी बना रहा। इस इलाके की पूरी तरह से किलाबंदी कर रखी थी। जेल में कोर्ट लगने और फैसले के मद्देनजर पुलिस ने मंगलवार रात से ही सेंट्रल जेल की तरफ जाने वाले रास्तों को सील कर दिया गया था | बुधवार को इस रास्ते पर सिर्फ क्षेत्र में स्थित सरकारी कार्यालय में ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों को ही परिचय पत्र की जांच के बाद जाने की इजाजत दी गई। इसके अलावा किसी भी व्यक्ति के पैदल या वाहन से आवाजाही पर पूर्ण रूप से पाबंदी की गई | कड़ी सुरक्षा के बाद भी कुछ समर्थक यहां जोधपुर आ गए जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। वहीँ, पुलिस ने फैसला आने से पहले आसाराम के करीब एक दर्जन से अधिक समर्थकों को अलग-अलग जगहों पर पकड़ा | ऐहतियात के तौर पर बुधवार को रेलवे स्टेशन का दूसरा गेट बंद किया गया । रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि आसाराम से सम्बन्धित प्रकरण को ध्यान में रखते हुए जोधपुर स्टेशन एवं स्टेशन एरिया में यात्रियों की सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोधपुर रेलवे स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार को मंगलवार रात आठ बजे ही बंद कर दिया गया था। यह गेट बुधवार रात बारह बजे तक बंद रहेगा, जबकि मुख्य प्रवेश द्वार सामान्य की तरह यात्री सुविधा के लिए खुला हुआ हैं |