चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने के फैसले के बाद कांग्रेस में बगावती सुर दिखने लगे है पार्टी के अंदर इस फैसले को लेकर कुछ नेता नाराज बताए जा रहे हैं आपको बता दें कि कल कांग्रेस के नेतृत्व में 6 और विपक्षी दलों के साथ मिलकर चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति को सौंपा गया है जिसके बाद से कांग्रेस के कुछ नेता इसे गलत करार दे रहें हैं । महाभियोग लाने को लेकर कांग्रेस काफी पहले से ही तैयारी में लगी थी लेकिन उन पर राम मंदिर के फैसले को रोकने की तोहमत न लगे इस लिए वो इस पर सही स्टैंड नहीं ले पा रही थी वहीं ज्यादातर पार्टी के नेता तकनीकी तौर पर तो इसके हक में थे लेकिन सियासी नफे-नुकसान को लेकर कई नेता पीछे रहने में अपना भला समझते थे । वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जज लोया के मामले में कोर्ट की तरफ से कांग्रेस को करारा जवाब मिला है जिसके बाद से वो बैखलाहट में महाभियोग लाने का फैसला लिया है जो कि पूरी तरह से गलत है। इस फैसले से कांग्रेस पार्टी के अंदर टिप्पणियों का दौर चल पड़ा है और राहुल के राज में पार्टी के भीतर कई सवाल उठने लगे है लेकिन कोई नेता खुलकर नहीं बोल रहा है । इस बात की भी चर्चा तेज है कि हिंदुस्तान के इतिहास में जो कभी नहीं हुआ को कदम कांग्रेस ने उठाने का फैसला किया है यानि देश में पहली बार महाभियोग प्रस्ताव को लाने का किसी दल ने फैसला किया है वहीं कांग्रेस के कुछ नेता का कहना है कि इस ऐतिहासिक फैसले से पहले पार्टी की फैसले लेने वाली सबसे बड़ी कांग्रेस कार्यसमिति में इसकी चर्चा तक नहीं हुई जो कि पार्टी के लिए गलत है वहीं कांग्रेस कार्यसमिति का गठन अभी तक नही हुआ है इसका भी फैसला राहुल गांधी को ही करना है कुछ नेताओं का मानना है कि जब तक कार्यसमिति का गठन नहीं हुआ है तो कम से कम किसी और नाम से इस मुद्दे पर पार्टी बैठक बुलकार चर्चा हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया ।