दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजिंदर सच्चर का निधन हो गया वो 94 साल के थे उनका जन्म 22 दिसम्बर 1923 को हुआ था वो काफी समय से बीमार चल रहे थे हाल ही में उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया था । भारत में मुसलमानों की स्थिति पर बनाई जस्टिस सच्चर कमेटी काफी चर्चा में रही थी जिसे भारत सरकार ने 9 मार्च 2005 को देश के मुसलमानों के तथाकथित सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन से जुड़े मुद्दो की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की थी इस कमेटी को मुसलनानो की आर्थिक गतिविधियों के भौगोलिक स्वरुप ,उनकी संपत्ति एव आय का जरिया और शिक्षा ,स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और सरकार द्वारा अन्य सुविधाओं की जांच-पड़ताल के लिए कहा गया था। आपको बता दे इस कमेटी को ही सच्चर कमेटी के नाम से जाना गया था । इस कमेटी को यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस राजिंदर सच्चर की आध्यक्षता में समिति गठीत की गई थी जिसमे 403 पेजों की रिपोर्ट को 30 नवंबर 2006 को लोकसभा में पेश किया गया था। जिसे सरकार ने पारित करा लिया था । जिसके बाद पहली बार देश को ये मालूम हुआ कि भारतीय मुसलमानों की स्थिति अनुसूचित जाति-जनजाति से भी खराब है । जस्टिस सच्चर ने 1952 में वकालत से अपने करियर की शुरुआत की थी और दिसंबर 1960 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरु की थी जिसके बाद फरवरी 1970 को दो साल के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के एडिशनल जज बने थे । फिर जुलाई 1972 को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाया गया था । इसके बाद सच्चर सिक्किम और राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस रह चुके हैं ।