लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मोदी सरकार से सवाल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मोदी सरकार से उम्मीद जताई है कि वो जल्द ही लोकपाल की नियुक्ति करेगी । दरअसल जस्टिसरंजन गोगोई और जस्टिस आर भानुमति की संवैधानिक पीठ ने लोकपाल की नियुक्ति पर आदेश जारी करने से इनकार कर दिया । मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगा । वहीं केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि सरकार लोकपाल की नियुक्ति पर काम कर रही है । इस पर याचिका कर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि सरकार जानबूझकर लोकपाल की नियुक्ति को लटका रही है। जबकि पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा थी कि लोकपाल की नियुक्ति को लेकर मीटिंग हो चुकी है इस पर हम काम कर रहे है केंद्र की ओर से ये भी कहा गया कि लोकपाल कानून के मुताबिक चयन समिति में विपक्ष का होना जरुरी होता है लेकिन 16वीं लोकसभा में अभी तक किसी को भी विपक्ष का नेता घोषित नहीं किया गया है जबकि सीटों के हिसाब से कांग्रेस पार्टी के पास सदन की मुख्य विपक्षी पार्टी होने समर्थन है लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई भी विपक्ष का नेता घोषित नहीं किया गया है । हालांकि केंद्र सरकार कि ओर से कांग्रेस के नेता मल्लिका अर्जुन खड़गे को लोकपाल चयन समिति के लिए अमंत्रण भेजा गया था लेकिन उन्होने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया । ऐसे में सरकार ने कोर्ट से समय मांगा है वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी ।