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पीएम मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का किया उद्घाटन

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प्रधानमंत्री ने दिल्ली के 26 अलीपुर रोड स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का उद्घाटन किया इस मौके पर उन्होने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि  देश में बैसा‍खी का पर्व भी मनाया जा रहा है। बैसाखी हमारे अन्‍नदाता, हमारे किसान के परिश्रम को पूजने का दिवस है। मैं देश को बैसाखी की भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज ही जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी भी है। 99 वर्ष पूर्व आजादी के दीवानों पर जिस तरह अंग्रेज हुकूमत का कहर बरपा था, वो मानव इतिहास की सबसे विदारक घटनाओं में से एक है। जलियांवाला बाग गोलीकांड में शहीद हर सेनानी को मैं नमन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि स्‍वतंत्रता के बाद से इतनी सरकारें आईं, कितना वक्‍त गुजर गया, लेकिन जो कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिए था, वो काम दशकों  के बाद आज हो रहा है। और इसलिए ये जगह, इस जगह पर आना इस कार्यक्रम में शामिल होना, उस जमीन पर खड़े होना जहां बाबा साहेब ने आखिरी समय गुजारा था; ये बहुत ही भावुक पल है। बाबा साहेब के नाम पर उनकी याद में निर्मित ये राष्‍ट्रीय स्‍मारक, देश की तरफ से उन्‍हें एक भावभीनी श्रद्धां‍जलि है। बाबा साहेब की जन्‍म जयंती है और उसके एक दिन पूर्व यहां इस समारोह का आयोजन बाबा साहेब के प्रति हम सबकी अटूट श्रद्धा को प्रकट करता है, सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है।

इस पवित्र कार्य को पूरा करने के लिए मैं सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय और भारत सरकार के अन्‍य संबंधित विभागों की हृदय से भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

मैमोरियल के निर्माण में अपना असीम पसीना बहाने वाले एक-एक श्रमिक को मेरा नमन है। उनमें से अधिकांश आज यहां नहीं होंगे, इस कार्यक्रम से दूर कहीं और काम में लगे होंगे, लेकिन उन्‍हें भी मेरा कोटि-कोटि प्रणाम है। उन्होने कहा

अब आज से ये 26 अलीपुर रोड पर बना ये स्‍मारक दिल्‍ली ही नहीं, देश के मानचित्र पर हमेशा-हमेशा के लिए अंकित हो गया है। यहां आकर लोग बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी बातों को, उनकी दृष्टि को और बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।

ये स्‍मारक एक असाधारण व्‍यक्ति के असाधारण जीवन का प्रतीक है। ये स्‍मारक मां भारती के होनहार सपूत के आखिरी दिनों की यादगार है। इस स्‍मारक को एक किताब की शक्‍ल में तैयार किया गया है। ये किताब हमारे देश का वो संविधान जिसके शिल्‍पकार डाक्‍टर बाबा साहेब अम्‍बेडकर थे। जिस संविधान को रचकर, बाबा साहेब ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को, लोकतांत्रिक बने रहने का रास्ता सुनिश्चित किया था। आज की नई पीढ़ी, जब इस मैमोरियल में यहां आएगी, तो यहां लगी प्रदर्शनी देखकर, यहां म्यूजियम में आधुनिक तकनीक के माध्यम से उनके जीवन के अहम पड़ावों को देखकर, बाबा साहेब के जीवन के अथाह विस्तार को वो भली भांति समझ पाएगी। वहीं प्रधानमंत्री ने कठुआ और उन्नाव गैंग रेप के मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि  मासूम बेटियों को इंसाफ मिलेगा और आरोपी को कड़ी सजा मिलेगी ।

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