2005 में उत्तर प्रदेश में कोर्ट ने ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपति घोषित कर दी थी, जिसको लेकर ASI ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, जिसका फैसला बुधवार को आया, ताजमहल के मालिकाना हक को लेकर वक्फ़ बोर्ड और ASI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, देश में ये बात कौन विश्वास करेगा कि, ताजमहल पर मालिकाना हक वक्फ बोर्ड का है ।
कोर्ट ने कहा कि मुगलकाल का अंत होने के साथ ही ताजमहल समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतें अंग्रेजों को हस्तांतरित हो गई थी, और 1947 में आजादी के बाद यह स्मारक सरकार के पास है, और ASI इसकी देखरेख कर रहा है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास क्या शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज हैं, अगर हैं तो वक्फ उसे कोर्ट को दिखाए । जिसके बाद बोर्ड ने कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा है ।