4 जून 2017 को माखी थाना क्षेत्र के गांव से 17 साल की किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए, पीड़िता की मां ने माखी थाने में मामले की तहरीर दी, जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस ने तब रिपोर्ट दर्ज नहीं की ।
9 महिने बीत गए लेकिन किशोरी और उसके परिवार की फरियाद किसी ने नहीं सुनी, जब युवती के परिजन विधायक के खिलाफ केस दर्ज कराने गए, तो विधायक के गुड्डे उन्हे डराने धमकाने लगे । पुलिस को भी विधायक का डर था, हर कोई दबंग विधायक को हाथ लगाने से कतरा रहे थे, लेकिन जब यह खबर मीडिया के संज्ञान में आई तो पुलिस को भी मजबुरन पीड़िता की फरियाद सुननी पड़ी, लेकिन इस दबंग विधायक ने पीड़िता के पिता को पुलिस वालों के सामने पीटा लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा, सब मूक दर्शक बन यह सब देखते रहे, और ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि पीड़िता के पिता ने मरने से पहले खूद कहा था ।
पुलिस वालों ने झूठे आरोप में पीड़िता ते पिता को सलाखों के पीठे भेज दिया, संदिग्ध हालत में पीड़िता के पिता की जेल में मौत हो गई, लेकिन ये मौत सिर्फ पीड़िता के पिता की मौत नही बल्कि ये मौत उत्तरप्रदेश की कमजोर कानून व्यवस्था और योगी सरकार के कमजोर प्रशासन की है । एक ओर जहां योगी सरकार ने यूपी सुचारु कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए एक हजार से ज्यादा बदमाशों को एनकाउंटर में मौत के घाट उतार दिया, वहीं दूसरी और उन्ही के बहुबली विधायक कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं । आपको बता दें विधायक कुलदिप के भाई ने हालही में पुलिस विभाग के अधिकारी को गोली मारकर घायल कर दिया थे, लेकिन इन सबके बावजूद किसी की हिम्मत नहीं हुई कि, विधायक के भाई को हाथ लगा सके ।
जिस महिला का नाम इस पूरे मामले में आया जो किशोरी को विधायक के पास ले गई है, वो भी सामने आ गई है बुधवार को लखनऊ में उसने मीडिया के सामने उसने कहा कि किशोरी झूठ बोलकर विधायक को फसाने की कोशिश कर रही है, इसने 9 महीने पहले मेरे बेटे पर भी रेप का झूठा आरोप लगाया था, ये लोगों को फसाने का काम करती है । लेकिन इन सबके बीच अब सवाल ये खड़ा होता है कि इतने समय से ये महिला थी कहा और अचानक अब कहा से सामने आ गई है ।
किशोरी ने डीएम पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे डीएम ने एक कमरे में बंद करके रखा है मुझे ना तो खाना दिया जा रहा और ना ही पानी मेरी तबियत बहुत खराब है । इस बीच इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए यूपी सरकार से इस केस की पूरी रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है । लेकिन इन सबके बीच जो सबसे बड़े सवाल खड़ा हो रहा है, वो ये है कि, विधायक की गिरफ्तारी क्यो नहीं हुई, क्या इन सबके बावजूद योगी सरकार इतनी लाचार हो गई है कि, वो अपने एक विधायक को सलाखों के पीछे नहीं डाल पा रही । अगर पुलिस ने इस मामले पर अपनी सही कार्यवाही की होती तो शायद आज पीड़िता का पिता जिंदा होता ।
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए उन्नाव से राघवेंद्र सिंह