2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की तमाम घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर कुछ संगठनों ने 10 अप्रैल को भारत बंद के ऐलान किया था | जिसको लेकर 10 अप्रैल को सवर्ण समाज की तरफ से नौकरी व शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण ख़त्म करने की मांग को लेकर मुज़फ्फरनगर में भारत बंद का असर पूरी तरह से दिखाई दिया | मुज़फ्फरनगर में जिला प्रशासन में सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूल और डिग्री कॉलेज का अवकाश घोषित किया गया और नगर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात किया गया था| वहीँ, व्यापारियों ने बंद का समर्थन करने के उद्देश्य से शाम तक बाजार पूरी तरह से बंद रहे | जिले में बंद के समय किसी तरह की कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई जिला प्रशासन के अनुसार, ना ही कोई ऐसा संगठन सामने आया जिसने भारत बंद की जिम्मेदारी ली हो | मंगलवार को पूरे जिले में धारा 144 पहले ही लागू कर दी गई थी और पूरा दिन शहर में और पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया | दरअसल, देश में आरक्षण को लेकर एक बार फिर नया विवाद छिड़ गया हैं | कहीं आरक्षण को लेकर भारत बंद किया जाता है तो कहीं आरक्षण को खत्म करने के लिए भारत बंद का आवाहन किया जाता है कुछ भी हो मगर नुकसान जनता का ही होता है पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में 2 अप्रैल को दलित समाज के भारत बंद के आवाहन में कई जगहों से हिंसक घटनाये सामने आई| जिनमें मुजफ्फरनगर में भी दंगाइयों ने जमकर बवाल मचाया था | बस लेकर रेल तक रोकी गयी ,यही नही प्रदर्शनकारियों से दंगाई बने लोगों ने थाना नई मंडी कोतवाली को निशाना बनाते हुए 2 दर्जन से भी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था और दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियों को तोड़ा था | दंगाइयों ने यहां तक कि मीडिया के कार्यालयों को भी नहीं बख्शा था जिसमें पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए सैकड़ों लोगों को जेल भेज दिया हैं| इसी बीच सोशल मीडिया पर देश में आरक्षण खत्म करने को लेकर 10 अप्रैल को भारत बंद का आवाहन की बात कही गई जिसे सामान्य वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग का नाम से आवाहन का लिखा गया था | मुजफ्फरनगर में 10 अप्रैल को हुए भारत बंद के समर्थन में कोई संगठन सामने नहीं आया मगर मुजफ्फरनगर में पूरी तरह से बंद दिखाई दिया हालांकि जिला प्रशासन ने 2 अप्रैल की पुनरावृति को रोकने के लिए इस बार ठोस कदम उठाए गए थे| जिसमें चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात किया गया था |अधिकारी गाड़ियों से घूमते हुए भी नजर आए हैं इस मामले में व्यापारियों द्वारा पहले ही बंद का समर्थन ना करने की बात कही गयी थी |
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए मुज़फ्फरनगर से विशाल प्रजापति