IIT रूडकी में अपनी मांगों को लेकरअनशन पर बैठे मृतक आश्रित कर्मचारी और उनके परिजनों की IIT के सुरक्षाकर्मियों ने जमकर पिटाई की | दरअसल IIT रूडकी के बाहर 35 मृतक आश्रित कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर अपने परिवारों के साथ क्रमिक अनशन पर बैठे थे | जिसे लेकर IIT प्रशासन में हडकंप मच गया| तुरंत ही सुरक्षाकर्मियों को मौके पर बुलाया और अनशन पर बैठे कर्मचारी और उनके परिवारों को हटाने का आदेश दिया | सुरक्षाकर्मियों ने जब इन्हें हटाने की कोशिश की,लेकिन अनशनकारी नहीं माने जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने बल का प्रयोग किया जिसमे एक मृतक आश्रित कर्मचारी की बुजुर्ग माँ जख्मी हो गई जिनका उपचार सिविल अस्पताल रूडकी में चल रहा है | आपको बता दें कि IIT रूडकी को अपनी सेवाए दे चुके 35 कर्मचारियों की अलग अलग कारणों से मौत हो गयी थी | उनकी जगह पर उन सभी के परिवार मृतक आश्रितों को नियुक्ति की गई | पांच छह साल से ज्यादा समय से यह मृतक आश्रित IIT रूडकी को अपनी सेवाए दे रहे है अब IIT प्रशासन की और से 30 जून तक सेवाएँ समाप्त करने का नोटिस जारी किया गया है | जिसके बाद से सभी कर्मचारी और परिजन परेशानी में है| इनमें से ज्यादातर कर्मचारी ऐसे है जिनकी पांच-छ साल बाद नौकरी करने की उम्र भी निकल जाएंगी कई कर्मचारी ऐसे हैं जिनके छोटे-छोटे बच्चे है| एक महिला कर्मचारी जिस पर छोटी बहन की जिम्मेदारी हैं और माँ-बाप या कोई और रिश्तेदार भी नहीं |इस मामले में सभी कर्मचारी कई बार IIT प्रशासन को मिलकर अपनी पीड़ा बता चुके है लेकिन अब तक इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई | साथ ही कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री,रूडकी विधायक और हरिद्वार सांसद तक को पत्र लिखकर इन्साफ की गुहार लगाईं है लेकिन कहीं से भी कोई जवाब नहीं मिला | इसलिए, कर्मचारी थककर अनशन पर बैठ गए |जिस पर IIT के सुरक्षाकर्मियों ने बल का प्रयोग करके एक महिला घायल कर दिया | ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि कल कोई हादसा अगर इन आंदोलनरत IIT कर्मचारियों के साथ होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? सवाल यह भी की जब ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरना दे रहे है तो आईआईटी प्रशासन इन पीड़ितों की बात सुनने के बजाए दबंगई दिखाते हुए बल का प्रयोग क्यों किया ?
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए रूडकी से हरिओम गिरी