उन्नाव गैंगरेप मामले में मंगलवार को योगी सरकार ने एसआईटी को जांच सौंपी है, यूपी के एडीजी एलओ आनंद कुमार ने बताया कि, गैंगरेप का आरोप लगाने वाली महिला के पिता की जेल में संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत और सभी पहलुओं की जांच एसआईटी का गठन किया गया है । आनंद कुमार ने बताया कि पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, इसमें उनकी मौत शॉक और आंत में छेद होने की वजह से बताई गई है, एडीजी एलओ की मानें तो इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह संगर से भी एसआईटी की टीम पूछताछ करेगी । उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी, फिलहाल, इस मामले में मंगलवार को आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, उनके साथ तीन अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है । हालांकि, गैंगरेप पीड़िता का कहना है कि, अभी तक बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है, और उसे नहीं पता कि उसके भाई की गिरफ्तारी हुई है कि नहीं, पीड़िता का कहना है कि, जिन्होंने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी और उसके पिता की हत्या कर दी, उन आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पीड़िता और उसके परिवार वालों ने भी मामले में सीबीआई जांच की मांग की है, उनका कहना है कि कुलदीप सिंह और अरुण सिंह की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए, तब जाकर परिवार को इंसाफ मिलेगा ।
आपको बता दें 4 जून 2017 को माखी थाना क्षेत्र के गांव से 17 साल की किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए, पीड़िता की मां ने माखी थाने में मामले की तहरीर दी, जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस ने इसकी तब रिपोर्ट दर्ज नहीं की ।
इसके बाद 11 जून 2017 को पीड़िता ने अदालत की शरण ली, कोर्ट के आदेश पर आरोपी अवधेश तिवारी, शुभम तिवारी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन मुकदमे में विधायक और आरोपी महिला का नाम नहीं था । 3 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई अतुल सिंह ने केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया, और जब पिता द्वारा इनकार किया तो उसकी बेरहमी से पिटाई की गई, और फर्जी मुकदमा लिखवाकर उसे जेल भिजवा दिया । 8 अप्रैल, 2018 को पीड़िता ने परिवार समेत सीएम आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की, 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई, जिसके बाद 10 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार किया गया । चौथी बार विधायक बने हैं सेंगर कांग्रेस की यूथ विंग से अपना राजनीतिक सफ़र शुरू करने वाले सेंगर 2002 में बसपा से उन्नाव सदर सीट के विधायक चुने गए, 2007 में सपा से बांगरमऊ और 2012 में भी सपा से भगवंतनगर से विधायक चुने गए, 2017 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें बांगरमऊ से प्रत्याशी बनाया और वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए।
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए उन्नाव से राघवेंद्र सिंह