एससी एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के आये फैसले को लेकर दो अप्रैल में हुई हिंसा के बाद पूरे देश में तनाव की स्थिति बनी हुई हैं | प्रदर्शनकारियों ने मुज़फ्फरनगर में जमकर तोड़फोड़ व आगजनी की घटना को अंजाम दिया था |जिसकों लेकर कई दल के नेताओं ने एक दुसरे पर खुलकर बयानों के हमले किये वहीँ अब बयानवाजी के युद्ध में स्वामी जितेंद्र नंद सरस्वती भी आ गए हैं | जिन्होंने मदरसों पर निशाना साधतें हुए हिंसा के पीछे इस्लामिक गुंडों का हाथ बताया है। आपको बता दें कि मुज़फ्फरनगर जिले के खतौली कस्बे में, स्वामी जितेन्द्र नंद सरस्वती, एक व्यापारी के निजी निवास पर पहुचें | जहाँ,पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमान को अरब के मुस्लमान, मुसलमान नहीं मानते बल्कि उन्हें इंडियन बने रहने में उनकी भलाई बताते हैं । सरस्वती ने आगे कहा कि भारत में बाहरी ताकतें मौजूद हैं | जिसकी वजह से आईएसआई की तरफ से मदरसों में फंडिंग हो रही हैं | इसीलिए, मदरसों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड पीछे भाग रहा हैं | साथ में, उन्होंने कहा कि इस हिंसा के पीछे राजनीतिक दल भी शामिल हैं | लेकिन, एंटी नेशनल और एंटी सोशल के पीछे पाकिस्तान और आईएसआई भी कही न कही शामिल है वर्ना, रातों-रात सड़कों पर उतर कर के गुंडागर्दी करने वाले लोग इतनी जल्दी अपना मुँह नहीं खोलते |उन्होंने आगे कहा कि देश के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को समझे बगैर, देश के अंदर बंद का आवाहन किया गया जबकि ऐसे कार्यक्रम को करने के लिए बड़ी तैयारी की जरूरत होती है, लेकिन 2 अप्रैल को हुए भारत बंद का आवाहन एक स्वभाविक बंद नहीं था और जिस तरह से सड़कों पर गुंडागर्दी हुई | इसमें दलितों की आड़ में इस्लामी गुंडों का भी कहीं न कहीं हाथ था | मुसलमानों ने बड़ी होशियारी से अपने को पीछे रखा और पूरे प्रदेश का माहोल ख़राब करने की कोशिश की | लेकिन देश समझदार हैं | इस देश के अंदर लोकतंत्र और सत्ता की राजनीति को देश के अमन चैन को नष्ट करने की इजाजत नहीं दी जा सकती |
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए मुज़फ्फरनगर से विशाल प्रजापति