प्रधानमंत्री मोदी और सूबे के मुखिया योगी का हर घर को मिले शौचालय का अभियान सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया हैं | यूपी के बस्ती जिले में चयनित ओडीएफ गांव की संख्या 3102 हैं,जिन्हें दिसंबर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया हैं,लेकिन गांव की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती हैं | जिला प्रशासन ने अभी 201 गांव को ही ओडीएफ करवाया है लेकिन वो भी सिर्फ कागजों में ही दर्ज हैं | मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि 201 गाँव को ओडीएफ़ के करवाया हैं और जल्द ही सारे गांव को ओडीएफ में लेकर लक्ष्य पूरा करेंगे, जबकि जिला प्रशासन अभी तक दस परसेंट का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाई है |वहीँ,बस्ती जिले में ओडीएफ गांव में बने शौचालयों में भूसा और कंडी रखा जा रहा है, कुछ शौचालय में बकरियां रहती हैं, यहां पीएम मोदी का स्वच्छ भारत का सपना औधे मुंह गिरते नजर आ रहा हैं | सरकार स्वच्छता अभियान के लिए अरबों रुपए खर्च कर रही है इसके बावजूद हालात वैसे ही बने हुए हैं |ओडीएफ गांव में ना तो साफ़-सफ़ाई हैं और ना ही शौचालय बने हैं | गाँव में नालियां गंदे पानी से बजबजा रही हैं, लोगों में बीमारी फ़ैल रहीं है, और ग्रामीण गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं| जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार ओडीएफ गांव के लिए शासन से 10 करोड़ रुपए मांगे है, लेकिन अभी तक कोई पैसा नहीं आया हैं |जहाँ,विकास का दावा ठोकने वाले जनप्रतिनिधि भी योगी और मोदी के सपनों को गंभीरता से लेते नज़र नहीं आ रहे हैं | अधिकारी की लापरवाही से जन-जन और हर घर में शौचालय की व्यवस्था नहीं पहुंच पा रही है|गाँव वालों ने इसके लिए कई बार जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी का घेराव भी किया लेकिन,उन्हे सिर्फ आश्वासन ही मिलता है, गाँव की ऐसी हालत को देखकर फिर कैसे मोदी और योगी सरकार का हर घर को मिले शौचालय का सपना पूरा हो सकेंगा..
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए बस्ती से सतीश श्रीवास्तव