देश में सोमवार को जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, दलित समाज पर उच्चतम न्यायलय के फैसले के खिलाफ सोमवार को पूरे देश में दलित समाज के लोगो में आक्रोश फैल गया, नोएडा में भी दलित उथान संघर्ष महासभा के नेतृव में सैकड़ो लोगों के साथ मिलकर उच्चतम न्यायलय और केंद्र सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया |
इस मौके पर दलित उत्थान संघर्ष महासभा के संयोजक गणेश जाटव ने कहा कि, देश के उच्चतम न्यायलय ने दलित समाज के लिए कानून को प्रभावहीन किया है, वो दलित समाज पर शोषण करने का काम किया है । हमारा समाज इस अधिनियम को नहीं मानेगा, अक्सर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगो के खिलाफ दुष्कर्म, छेड़खानी, उत्पीड़न और हिंसा जैसी अत्याचार की घटनाएं देश बड़ी संख्या में होती है, जिसमें ज्यादातर केसों में पीड़ित बेहद गरीब होते हैं। हम महामहिम राष्ट्रपति और उच्चतम न्यायलय से अनुरोध करते है कि आदेशित कानून को अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 में कोई बदलाव ना किया जाए। अगर उच्चतम न्यायलय अपने आदेशित उक्त कानून को वापस नहीं लेता है तो देश के अंदर दलित समाज अपने हक़ के लिए बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी जान देने के लिए पीछे नहीं हटेंगें |
आपको बता दें कि उच्चतम न्यायलय द्वारा 20 मार्च 2018 को अनुसूचित जाति अनु जनजाति अधिनियम 1989 ( अत्याचारों पर रोकथाम ) कानून को प्रभावहीन करते हुए आदेश पारित करते हुए एक संशोधन किया गया । जिसमें अनुसूचित जनजाति के लोगों को पर अत्याचार करने वाले लोगों को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इस फैसले के बाद से दलित समाज के अंदर आक्रोश की भावना भड़क चुकी है, लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, और देश इस आग में जल रहा है।
हिन्द न्यूज़ टीवी के लिए नोएडा से हरीश तोमर