यूपी की तर्ज पर अब हरिद्वार भी जल्द भगवा रंग में नजर आएगा उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में इस बात की घोषणा की थी कि गंगा किनारे स्थित तमाम भवनों को भगवा रंग में रंगा जाएगा जिसको लेकर हरिद्वार में कवायद भी शुरू हो गई है वही बाहर से आने वाले पर्यटकों का कहना है कि इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
2021 में हरिद्वार में महाकुंभ लगने जा रहा है जिसको लेकर सरकार ने कवायद शुरू कर दी है इसी क्रम में इस बार हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार भगवा रंग में नजर आएगी शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि गंगा किनारे के तमाम घाटों घाटों पर स्थित भवनों को भगवा रंग में रंगा जाएगा उनका कहना है कि इस समय तो पूरा देश ही भगवा रंग में रंगा हुआ है भगवा रंग देश की संस्कृति है तो इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती है पूर्व में भी एक बार इसी तरह की पहल की गई थी जिसे काफी सराहा गया था।
CM के इस घोषणा के बाद नगर निगम में इसे मूर्त रूप रूप देने में लग गया है मेयर मनोज गर्ग का कहना है कि देश में ऐसे बहुत से शहर है जिन्हें एक रंग दे कर एकरूपता लाई गई है इसी तरह हरिद्वार में भी भवनों को भगवा रंग देखकर एकरूपता लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
सरकार की इस पहल की युवा तीर्थ पुरोहितों ने भी प्रशंसा की है युवा तीर्थ पुरोहितों के अध्यक्ष उज्जवल पंडित का कहना है कि भगवा रंग अध्यात्म कारण है सूर्य का रंग भी भगवा है यदि हरिद्वार भगवा रंग में नजर आती है तो इससे सौभाग्य की बात और कुछ नहीं हो सकती इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं के मन में तामसिक विचार समाप्त होकर अध्यात्म के विचार आएंगे। अभी तो का कहना है कि इसको लेकर कतई राजनीति नहीं होनी चाहिए
हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि भगवा रंग राजनीतिक है लेकिन हर की पैड़ी को लेकर इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए इससे हर की पैड़ी की सुंदरता और बढ़ेगी जो कहना है कि इसे राजनीतिक रंग से नहीं बल्कि धार्मिक रंग से देखा जाना चाहिए।
प्रदेश सरकार हरिद्वार की सुंदरता और यहां के धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे भगवा रंग में रंगने जा रही है जिसका पंडा समाज से लेकर जाती तक स्वागत कर रहे हैं लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में क्या कांग्रेस इस रंग को लेकर राजनीति करती है।