मऊ जिले की पुलिस ने एक फर्जी मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार कर लिया हैं, जो की अपने आप को एसीजेएम बता कर पुलिस पर इस पद का रौंब जमा रहा था। पुलिस ने फर्जी मजिस्ट्रेट के हाब भाव को देखकर उससे कड़ी पुछताछ जब की तो माजरा कुछ और ही निकला अपने आप को एसीजेएम बताने वाला एक फर्जी एसीजेएम निकला। पुलिस ने उसके पास से उसके पास से 24 हजार 500 सौं रुपये नगद, दो फर्जी आईडी कार्ड, एटीएम और एक डायरी जिसमें पुलिस सहित तमाम अधिकारीयों के नंबर थे, उसको बरामद किया।
जिले के हलधरपुर थाने की पुलिस के अनुसार 11 फरवरी को थाने के सरकारी नंबर पर एक फोन आया कि मैं मुकेश कुमार सिहं एसीजेएम वाराणसी से बोल रहा हूँ। मुझे एक शादी समारोह में शामिल होने जाना हैं, तो एक गाड़ी और एक सुरक्षा गार्ड रतनपुरा स्टेशन पर भेज दो। जिसके बाद थानाध्यक्ष ने अपने दरोगा को एसीजेएम को सरकारी सुविधा मुहैया कराने का आदेश दिया। जिसके बाद जब पुलिस एसीजेएम से मिली तो उसके हाव भाव से पुलिस ने भाप लिया कि यह फर्जी हैं। जिसके बाद पुलिस ने अपने स्तर से एसीजेएम मुकेश कुमार सिहं के बारे में जानकारी न्यायालय की पुछताछ विभाग से निकाला, तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति एसीजेएम वाराणसी में नही मिला। जिसके बाद पुलिस ने फर्जी एसीजेएम से पुछताछ शुरु किया। जिसमें उसने अपना नाम सुनिल कुमार मिश्रा और निवासी घोसी कोतवाली क्षेत्र का बताया हैं। जिसके बाद पुलिस ने उसके पास से 24 हजार नगद, दो फर्जी आईडी कार्ड और एटीएम को बरामद किया। पुछताछ के दौरान उसने बताया कि वह अपने रिश्तेदार के यहां नसीदाबाद गांव में शादी में सामिल होने जा रहा था, इसलिए एसीजेएम बन कर सरकारी सुविधा का लाभ उठा रहा था। वही पुलिस ने उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में चालान कर न्यायालय के सामने पेश कर जेल भेज की कार्यवाही कर रही हैं।