जौनपुर पुलिस का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिससे एक बार फिर खाकी दागदार होती नजर आ रही है। पुलिस ने बहन के साथ छेड़खानी की तहरीर देने वाले नाबालिग को ही मुल्जिम बना दिया। जब इस बात की जानकारी तब हुई जब मासूम बच्चे के नाम वारंट जारी हो गया |
बरसठी थाना क्षेत्र के मलाई गांव का निवासी गुलाब तिवारी रोजीरोटी के सिलसिले में मुंबई रहते है। घर पर उसका परिवार रहता है। करीब छह माह पूर्व उसकी बेटी के साथ कुछ युवको ने छेड़खानी की थी । पीड़ित लड़की का 13 वर्षीय छोटा भाई अंकुश तिवारी ने गांव के प्रधान के साथ थाने में जाकर आरोपी के खिलाफ मुदकमा दर्ज करने के लिए लिखित तहरीर देकर वापस घर लौट आया थस । पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ तो कोई कार्यवाही तो नही किया बल्कि उल्टे अंकुश तिवारी और गुलाब तिवारी के खिलाफ एसआई चंद्रशेखर सिंह ने शांतिभंग करने के आरोप में चलान एसडीएम मड़ियाहूं के कोर्ट में भेज दिया। कोर्ट ने नोटिस भेजकर आरोपियों को अमल करने का आदेश पुलिस को दिया। पुलिस जब सम्मन अमल कराने उसके घर पहुंची तो अंकुश की उम्र देखकर उनके होश ही उड़ गये । अपनी गर्दन बचाने के लिए पुलिस ने परिवार वालो को बिना कुछ बताये वापस लौटने के बाद एसडीएम को लिखित सूचना दिया कि आरोपी अपने पूरे परिवार के साथ मुंबई में रहता है।
एक सप्ताह पूर्व एसडीएम कोर्ट से पुनः जमानतीय नोटिस भेजकर आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। नोटिस लेकर पुलिस सीधे आरोपियों के पहुंचकर नाबालिग छात्र को जमानत कराने लिए धमकाने लगी। पुलिस के भय से जमानत कराने के लिए नाबालिग आरोपी गांव के प्रधान सिध्दि नारायण व बीडीसी सदस्य अयोध्या दुबे के साथ गुरूवार को एसडीएम कोर्ट पहुंच गया।