बदायूं। जिले के सिविल लाइंस थाने की कमान संभाले बैठे एसएचओ सिविल लाइंस देवेश सिंह सीबीसीआईडी जांच में दोषी पाए गए हैं। यह जांच मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर की गई थी और काफी प्रयास के बाद वादी को अब न्याय की आस नजर आई है। फिलहाल आयोग ने सूबे की पुलिस के मुखिया डीजीपी को आठ सप्ताह में एसएचओ समेत मामले में दोषी अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच व कार्रवाई का निर्देश दिया है।मामला बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव सरकड़ा से जुड़ा है। यहां रहने वाले केके शर्मा की बेटी के साथ साल 2013 में एक युवक ने अभद्रता कर दी थी। काफी मशक्कत के बाद आरोपी पर केश तो दर्ज कर लिया गया लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। उस वक्त देवेश सिंह थाना फरीदपुर के इंस्पेक्टर थे। इंस्पेक्टर पर यह आरोप था कि आरोपी की तरफ से भी केके शर्मा के खिलाफ एनसीआर दर्ज कर ली गई और उन्हें कोतवाली में बंद कर लिया। और पीडित केके शर्मा पर बाद में कोतवाल ने गुंडाएक्ट भी लगा दिया था। आपको बता दे की पुलिस इंस्पैक्टर देबेश सिहं एक फर्जीएनकाउंटर मे भी दोषी पाया गया है ।