You are here
Home > राज्य > रंग लाई किसान बाबू लाल की मेहनत

रंग लाई किसान बाबू लाल की मेहनत

Share This:

किसान अगर चाहे तो कुछ भी और कही भी अपनी मेहनत के बल पर पैदा कर सकता है। इसके लिए उसकी उम्र कभी आड़े नही आती बल्कि उसका हौसला बुलन्द होना चाहिए। ऐसे ही एक किसान बाबू लाल मानव जो गंगा के दियारा में इन दिनो सामान्य खेती के साथ ही औषधि की खेती कर मालामाल हो रहे है। उन्होने मौजुदा वक्त मे लेमन ग्रास,खस,हल्दी सतावर के साथ ही सामान्य फसलो की भी खेती किये है।
जनपद गाजीपुर का जमानिया क्षेत्र के चितावनपट्टी के गंगा के मे रहने वाले यह है बाबूलाल मानव। जो शुद्ध रूप से किसान है। इसके पहले वे ब्लाक प्रमुख जमानिया के पद पर भी रह चुके है। बाबूलाल का 12 बीघा खेत गंगा के दियारा मे है। जो मुख्य मार्ग से 5 किमी की दुरी दूरी पर और गंगा को पार करके जाना होता है। यहां पर ये सामान्य खेती जैसे गेहु धान और सब्जी के साथ ही औषधि खेती भी करते है। मौजूदा समय मे इन्होने लेमन ग्रास खस सतावर हल्दी के साथ कई तरह की खेती किये हुए है। उन्होने बताया की लेमनग्रास की खेती के लिए प्रेरणा कृषि प्रदर्शनी के दौरान मिली जहां से वे 2000 रूपये के पौधा लाये थे और उसकी खेती की । जिसको बाद में उन्होंने करीब 30 हजार रूपये मे बेचा। उन्होने बताया की इसकी खेती को साल मे 3 या 4 बार कटिंग कर सकते है। लेमन ग्रास पौधे से तेल निकाल बाजार मे बेचा जाता है जो 1000 से 1500 रूपया लीटर मे बिकता है। वही खस की खेती भी किये लेकिन खस की खेती मे काफी मेहनत है और खस से तेल निकालने की व्यवस्था गाजीपुर मे नही होने की वजह से इसकी खेती पर असर पड रहा है और वे इस खेती को छोड़ रहे है। इसके अलावा हल्दी की खेती के बारे मे बताया की एक बीघा खेती मे करीब 50 कुण्टल कच्ची हल्दी पैदा होती है जो सुखने के बाद 7 या 8 कुण्टल के आस पास होती है। अगर इसे बाजार मे बेच दिया जाय तो तकरीबन 50 हजार रूपये की आमदनी होती है।

Leave a Reply

Top