लखनऊ । बसपा सुप्रीमो मायावती के राज्य सभा से इस्तीफा देने पर अब सियासत होने लगी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव मायावती के समर्थन में उतर गए हैं। मायावती के इस्तीफे को सही करार देते हुए लालू ने मोदी सरकार पर निशाना साधा।
लालू ने कहा कि दलितों की आवाज दबाई जा रही है, बीजेपी अहंकार में डूबी हुई है। मायावती के साथ राज्यसभा में जो व्यवहार किया गया उससे साफ है कि बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है।लालू ने कहा कि दलितों का मुद्दा सांसद पद से ऊपर है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर मायावती चाहें तो हम बिहार से राज्य सभा भेजेंगे।
वहीं राज्यसभा सचिवालय के अनुसार मायावती के इस्तीफे को लेकर राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को अंतिम फैसला लेना है। सूत्रों ने बताया कि मायावती ने तय प्रारूप के अनुसार त्यागपत्र नहीं दिया है। त्यागपत्र संक्षिप्त होना चाहिए। इसमें त्यागपत्र देने का कारणों उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।
वहीं मायावती ने अपने इस्तीफा पत्र में आरोप लगाया कि उन्हें राज्यसभा में दलितों के मुद्दे पर बोलने नहीं दिया गया। मायावती ने सभापति हामिद अंसारी से मुलाकात कर यह पत्र सौंपा। इसे स्वीकार करने या न करने का फैसला सभापति पर निर्भर करता है।
बता दें कि सहारनपुर के शब्बीरपुर सहित देश के कई हिस्सों में दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में राज्यसभा में अपना गुस्सा जाहिर कर चुकीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। मायावती ने कहा कि जब सत्ता पक्ष मुझे बोलने का मौका ही नहीं दे रहा तो मेरा इस्तीफा देना ही बेहतर है। इससे पूर्व बसपा सुप्रीमो ने आज सुबह राज्यसभा में दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए उपसभापति कुरियन पर आरोप लगाया था कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है।
मायावती ने अपनी आवाज दबाए जाने का आरोप लगाते हुए उस समय इस्तीफा तक देने की धमकी दे डाली थी। वह गुस्से में सदन छोड़कर भी चली गईं, कुछ सदस्यों ने उन्हें मनाने का प्रयास भी किया लेकिन विफल रहा।
मायावती ने राज्यसभा में सहारनपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए योगी सरकार पर दलितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सहारनपुर हिंसा साजिश के तहत हुई है। माया ने उपसभापति पी जे कुरियन पर आरोप लगाया कि वो उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं।